हरिद्वार के नवोदय नगर में एक युवक ने दिनदहाड़े युवती की गला रेतकर हत्या कर दी। शुरुआती जांच में पता चला कि वे पहले लिव-इन में थे। युवती सीतापुर की रहने वाली थी और सिडकुल में काम करती थी। आरोपी को शक था कि युवती का किसी और से संबंध है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
HIGHLIGHTS
- हरिद्वार की नवोदय नगर कालोनी में दिनदहाड़े हुई घटना, आरोपित फरार
- एक महीने पहले तक युवती के साथ लिव इन में रहता था आरोपित
- सीतापुर की रहने वाली थी युवती, हरिद्वार के सिडकुल में करती थी नौकरी
- आरोपित भी सीतापुर का निवासी, युवती के भाई ने दर्ज कराया मुकदमा
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। जिला मुख्यालय रोशनाबाद से सटी नवोदय नगर कालोनी में युवक ने सरेराह चाकू से गला काटकर युवती की हत्या कर दी। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि युवती एक माह पहले तक आरोपित के साथ लिव इन में रहती थी।
सोमवार दोपहर आरोपित ने उसे मिलने के लिए बुलाया और बातचीत के दौरान नोंकझोंक होने पर गला काटकर फरार हो गया। युवती के भाई की तहरीर पर उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। युवती उत्तर प्रदेश के सीतापुर की निवासी थी और हरिद्वार के औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल में एक कंपनी में काम करती थी।
पुलिस के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के सीतापुर में आजाद नगर, कटहेली बाग निवासी वरुण यादव ने तहरीर में बताया कि उसकी बहन हंसिका यादव कई वर्ष से हरिद्वार में रहकर नौकरी कर रही थी। सीतापुर के ही हुसैनगंज में रहने वाले प्रदीप कुमार से उसका प्रेम प्रसंग था।
हंसिका और प्रदीप हरिद्वार के सिडकुल में लिव इन में रहते थे, जबकि वरुण हेतमपुर गांव में रहता है। करीब एक माह पहले हंसिका व प्रदीप अलग हो गए। इसके बाद हंसिका रोशनाबाद में अपनी सहेली के पास रहने चली गई और प्रदीप हेतमपुर गांव में वरुण के साथ रहने लगा।
प्रदीप को शक था कि हंसिका किसी और युवक के संपर्क में है। इसलिए उसने सोमवार दोपहर उसे नवोदय नगर कालोनी में मिलने बुलाया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि दोनों साथ में टहलते हुए बातचीत कर रहे थे। कुछ देर बाद उनके बीच कहासुनी शुरू हो गई। फिर प्रदीप ने अपनी जेब से चाकू निकाला और हंसिका का गला काटकर फरार हो गया।
हंसिका काफी देर तक सड़क पर ही छटपटाती रही। पुलिस उसे अस्पताल लेकर गई, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। एसपी सिटी पंकज गैरोला ने बताया कि आरोपित की तलाश की जा रही है। हंसिका और वरुण की सीतापुर से ही प्रदीप से जान-पहचान थी।